CAA क्या है? सीएए को संसद में पांच साल पहले पारित किया गया था लेकिन मोदी सरकार ने इस सोमवार को 11 मार्च को 222 को लागू किया है
सीएए कानून के मुताबिक दिसंबर 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए सभी लोगों को भारतीय नागरिकता मिल जाएगी. ये तीनों मुस्लिम बहुल देश हैं.
CAA कानून क्या है ?
CAA नागरिकता संसोधन कानून उन लोगो को लिए बनाया गए है जो लोग पाकिस्तान , अफ़्ग़ानिष्टान और बांग्लादेश से दिसंबर २०१४ से पहले भारत में आये थे उनको भारतीय नागरिकता दी जाएगी | ये सभी लोग किसी न किसी प्रताड़ना का सीकर हुए है और फिर भारत में आकर इन्होने सरन ली | और आपको बता दे की इस कानून से भारत में रहने वाले मुस्लिम या फिर किसी अन्य धर्म के लोगो को कोई भी खतरा या परेशानी नहीं है |
जानिए Caa के बारे में अधिक जानकारी
CAA नागरिकता संशोधन अधिनियम 11 दिसंबर 2019 को संसद में पारित किया गया था। और इसके माध्यम से 1955 नागरिकता अधिनियम में भी संशोधन किया गया था। इस कानून के अंतर्गत अल्पसंख्यक हिन्दू,सिख, जैन और अन्य धर्मो के लोगो को भारतीय नागरिकता दी गयी |
जो पाकिस्तान ,अफ़्ग़ानिष्टान ,और बांग्ला देश से दिक्मेबर २०१४ से पहले पाकिस्तान से भाग आये थे और जिनके भागने का कारन धार्मिक उत्पीड़न था |
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत, जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए और अपने मूल देशों में “धार्मिक उत्पीड़न या धार्मिक उत्पीड़न के डर” का सामना किया, वे अब नए कानून के तहत भारत की नागरिकता पा सकते है । CAA मुख्य रूप से भारत के तीन पड़ोसी देशों – पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदायों के लिए भारतीय नागरिकता का रास्ता खोलता है – जो लंबे समय से भारत की नागरिकता चाहते थे |
CAA के अनुसार वे सभी विदेशी अवैध प्रवासी है जो बिना वीसा और पासपोर्ट के भारत में आये | ऐसे अप्रवासियों को छह साल के भीतर फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया के द्वारा भारतीय नागरिकता दी जाएगी |
संशोधन ने इन अप्रवासियों के लिए निवास की आवश्यकता को ग्यारह साल से घटाकर पांच साल कर दिया है। हालाँकि, और मुसलमानों को इस अधिनियम में शामिल नहीं किया गया है।
CAA के मुताबिक नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा.